आंकड़ा प्रसार इकाई


1.   भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय की आंकड़ा प्रसार इकाई जिला जनगणना पुस्तिका (डीसीएचबी) तैयार करने हेतु डाटा संग्रह तथा डाटा उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए, कार्यालय के समस्त प्रभागों द्वारा प्रकाशित प्रकाशनों/ रिपोर्टों तथा जनगणना के परिणाम के उचित प्रचार-प्रसार का कार्य करती है। इनमें सरकारी विभाग, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन, निजी व सार्वजनिक उद्यम, व्यक्तिगत रिसर्च स्कॉलर्स तथा अन्य उपयोगकर्ता शामिल हैं।


2.   संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित जनसंख्या एवं आवास जनगणना के सिद्धांतों और सिफारिशों के अनुसार, 'जनगणना कार्य तब तक पूरा नहीं होता जब तक कि एकत्रित जानकारी संभावित उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकताओं के अनुकूल उपलब्ध नहीं कराई जाती है। सामान्यतः एकत्रित जानकारी को तालिकाओं और रिपोर्ट के माध्यम से प्रकाशित किया जा सकता है, तालिकाओं को, अप्रकाशित रूप में, सीमित उपलब्धता हेतु तैयार किया जा सकता है या डाटाबेस में संग्रहीत किया जा सकता है एवं अनुरोध प्राप्त होने पर उपयोगकर्ता को उपलब्ध कराया जा सकता है, या ऑनलाइन प्रसारित किया जा सकता है (इस मामले में यह केवल संबद्ध जनसंख्या के लिए उपलब्ध होगा)'।



3.   भारत में उपरोक्त सिफारिशों का उद्देश्य, डाटा उपयोगकर्ताओं की लगातार बढ़ती संख्या को, सभी उपलब्ध माध्यमों का उपयोग करते हुए जनगणना डाटा का प्रसार करते हुए प्राप्त किया गया है। इनमें मुद्रित रिपोर्ट व तालिकाएं, सीडी में डाटा तथा कार्यालय की वेबसाइट के माध्यम से मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध डाटा भी शामिल है। भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय की वेबसाइट के माध्यम से ग्राम एवं वार्ड स्तर तक का अधिकाधिक डाटा मुफ्त डाउनलोडके लिए उपलब्ध कराया गया है। इस वेबसाइट का एक महत्वपूर्ण अंग जीआईएस (GIS) एप्लिकेशन से संबंधित है जो जनगणना डाटा के आधार पर विषयगत मानचित्र बनाने की सुविधा प्रदान करता है।


4.  प्रसार गतिविधियों के केंद के रूप में सभी राज्यों की राजधानियों में स्थित जनगणना कार्य निदेशालयों (केंद्र शासित प्रदेशों दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव एवं लेह (लद्दाख) को छोड़कर) में आंकड़ा प्रसार इकाईयां भी स्थापित की गई हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को ग्राम एवं वार्ड स्तर तक का डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे डाटासेट, स्थानीय सरकारों को लोक कल्याण हेतु कार्यक्रम बनाने के निर्णय लेने में मदद करते हैं। कंप्यूटिंग एवं संचार सुविधा की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, जनगणना डाटा की मांग तथा उपयोगिता में काफी वृद्धि देखी गई है।


5.  देश के विभिन्न हिस्सों एवं देश के बाहर के डाटा उपयोगकर्ताओं की सुविधा हेतु देश भर में जनगणना डाटा एवं अन्य सूचनाओं की शीघ्रातिशीघ्र उपलब्धता हेतु कार्यालय ने इंट्रानेट सुविधा भी स्थापित की है। डाटा उपयोगकर्ताओं को, जनगणना डाटा की उपलब्धता व उपयोग के बारे में जानकारी देने हेतु कार्यालय द्वारा विभिन्न नए कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। पुस्तिकाओं, सीडी, डाटा शीट्स आदि के रूप में नए डाटा उत्पाद भी कार्यालय द्वारा प्रकाशित किए गए हैं।


6.   भारत के महारजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा उठाया गया एक अन्य प्रमुख नवीन कदम जनगणना के माइक्रो-डाटा पर रिसर्च के लिए जनगणना वर्कस्टेशनो को स्थापित किया जाना है। यह कार्यालय, इन वर्कस्टेशनों के माध्यम से शोधकर्ताओं को विश्वविद्यालयों/संस्थानों में रिसर्च के लिए वर्ष 2001 एवं 2011 की जनगणना के माइक्रो-डाटा तक पहुंचने की अनुमति देता है। सामाजिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र (सीएसआरडी) की देखरेख में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली में जनगणना माइक्रो-डाटा पर शोध के लिए पहला वर्कस्टेशन स्थापित किया गया था जहाँ वर्ष 1991 से 2011 तक की जनगणना की सभी प्रकाशित सारणियां सॉफ्ट कॉपी प्रारूप में तथा वर्ष 2001 व 2011 की जनगणना से, मकान सूचीकरण के 1% व 5% सैंपल माइक्रो-डाटा भी उपलब्ध कराए गए है। जेएनयू वर्कस्टेशन की सफलता के बाद, देश भर के 17 अन्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों में भी इसी तरह के वर्कस्टेशन स्थापित किए गए हैं। कुल स्वीकृत 48 वर्कस्टेशन हैं- 1. जेएनयू, नई दिल्ली 2. पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला 3. गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, पुणे 4. केरल विश्वविद्यालय, तिरुवनंतपुरम 5. गोवा विश्वविद्यालय, गोवा 6. नवकृष्ण चौधरी सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज, भुवनेश्वर 7. रांची विश्वविद्यालय, रांची 8. राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर 9. मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई 10. कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर 11. गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद 12. पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर 13. काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी 14. आईआईएम, बैंगलोर 15. आईएसआई, कोलकाता 16. दून विश्वविद्यालय, देहरादून 17. विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन 18. ए.एन. सिन्हा संस्थान, पटना 19.भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली 20.जनसंख्या अनुसंधान केंद्र, आर्थिक विकास संस्थान, दिल्ली 21.भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़, पंजाब 22.इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली, पंजाब 23.महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब 24.वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत, गुजरात 25.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली 26.राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची, तमिलनाडु 27.जनसंख्या अनुसंधान केंद्र, धारवाड़, कर्नाटक 28.तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय, तिरुवरूर, तमिलनाडु 29.चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा, हरियाणा 30.शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र 31.बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश 32.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश 33.अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस), मुंबई, महाराष्ट्र 34.फकीर मोहन विश्वविद्यालय, बालासोर, ओडिशा 35.मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल, मिजोरम 36.रमा देवी महिला विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा 37.जनसंख्या अनुसंधान केंद्र, गौहाटी विश्वविद्यालय, गौहाटी, असम 38.राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यूनिवर्सिटी, नागपुर, महाराष्ट्र 39.जनसंख्या अनुसंधान केंद्र, पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार 40.अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, बेंगलुरु, कर्नाटक 41.क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु, कर्नाटक, 42.जनसंख्या अनुसंधान केंद्र, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, 43.भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय,सोनीपत,हरियाणा,44.दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय,उत्तर प्रदेश,45.जनसंख्या अनुसंधान केंद्र,सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संस्थान,बैंगलोर,46.डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय,आगरा, 47.पर्वतानेनि ब्रह्मय्या सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, विजयवाड़ा,आंध्र प्रदेश और 48.आंध्र लोयोला कॉलेज, विजयवाड़ा,आंध्र प्रदेश । भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय की आंकड़ा प्रसार इकाई, इन जनगणना वर्कस्टेशनों के काम की मॉनिटरिंग का कार्य करती है


7.  भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय/डीसीओ की आंकड़ा प्रसार इकाईयां अक्सर राष्ट्रीय/राज्य स्तर पर आयोजित किए जाने वाले पुस्तक मेलों/ कार्यक्रमों में भाग लेती है तथा जनगणना परिणाम जारी होने के बाद विषय विशेष पर कार्यशालाओं का आयोजन भी करती है।