भारत के
महारजिस्ट्रार
के कार्यालय में
हिंदी अनुभाग संविधान
के अनुच्छेद ३४३
से ३५१ तक के प्रावधान
के अनुरूप कार्य
करते हुए संविधान
की अपेक्षाओ की
पूर्ति में संलग्न
है । इसके लिए राजभाषा
अधिनियम एवं नियमो
के अनुरूप निदेशालय
के मुख्यालय एवं
महारजिस्ट्रार
के अधीन विभिन्न
जनगणना कार्य निदेशालय
एवं भाषा प्रभाग
कोलकाता में संघ
की राजभाषा नीति
के कार्यान्वयन
की निगरानी करता
है । यथावश्यक
मार्ग दर्शन भी
उपलब्ध करता है
। राजभाषा अधिनियम
की धारा ३(३) के अंतर्गत
आने वाले समस्त
कागजातों तथा संकल्प,
सामान्य आदेश नियम
की अधिसूचनाएं,
प्रशासनिक तथा
अन्य रिपोर्टो,
प्रेस विज्ञप्ति,
संसद की किसी सदन
या दोनों सदनों
के समक्ष राखी
जाने वाली रिपोर्टो,
सरकारी कागजात,
संविदाएं, करार,
अनुज्ञप्तियां,
अनुज्ञापन, टेंडर
नोटिस तथा टेंडर
फार्म आदि द्विभाषी
जरी किये जाते
है ।
हिंदी पखवाडा
-२०१० :
पुरुष्कार वितरण
समारोह के दौरान
प्रतिभागियो को
संबोधित करते हुए
भारत के महारजिस्ट्रार
एवं जनगणना आयुक्त
डॉ सी. चंद्रमौलि
साथ में बैठे हैं
भारत के अपर महारजिस्ट्रार
श्री रमेश चन्द्र
सेठी
केन्द्र
सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों
तथा उनसे संबंद्ध
अधीनस्थ कार्यालयों
एवं केन्द्र सरकार
के स्वामित्व
में या नियंत्रणाधीन
निगमों/उपक्रमों/बैंकों
आदि से राजभाषा
विभाग के वार्षिक
कार्यक्रम में
दिए गए मूल पत्राचार
के अनुरूप पत्राचार
करता है। इस निदेशालय
में ‘क’, ‘ख’ एवं
‘ग’ क्षेत्रों
के साथ लगभग ९७%
मूल पत्राचार हिंदी
में किया जाता
है जो लक्ष्य से
थोड़ा कम है । यह
कार्यालय राजभाषा
नियम, ५ के अनुसार
हिंदी में प्राप्त
पत्रों का उत्तर
हिंदी में देता
है । फाइलों पर
टिप्पणियां लक्ष्य
के अनुसार हिंदी
में लिखने का प्रयास
महारजिस्ट्रार
के कार्यालय द्वारा
सतत् रूप में करने
का प्रयास किया
जाता है । हिंदी
भाषा व हिंदी टाइपिंग
व आशुलिपि की प्रशिक्षण
के कार्यक्रमों
को भी लक्ष्यानुसार
चलाया जाता है
। हिंदी में ई-बुक
सहित महारजिस्ट्रार
के कार्यालय में
पुस्तकों की खरीद
पर लक्ष्य के अनुरूप
खर्च किया जाता
है ।
महारजिस्ट्रार
के कार्यालय में
कम्प्यूटर सहित
सभी प्रकार के
उपकरणों की खरीद
राजभाषा विभाग
के दिशा-निर्देशों
के अनुरूप की जाती
है । कम्प्यूटर
में यूनीकोड के
माध्यम से हिंदी
सॉफ्टवेर डाउनलोड
कर कम्प्यूटर पर
हिंदी भाषा में
काम करने की सुविधा
उपलब्ध कराई जाती
है । वेबसाइट पर
कार्यालय की महत्वपूर्ण
सुचनाये व परिपत्र
आदि देखे जा सकते
है । महारजिस्ट्रार
कार्यालय द्वारा
सूचना बोर्ड और
होर्डिंग्स आदि
नियमानुसार हिंदी/अंग्रेजी
व क्षेत्रीय भाषाओ
में बनाये जाते
है ।
जनगणना
के प्रति देश के
लोगों में जागरूकता
एवं अभिरुचि पैदा
करने के उद्देश्य
से हिन्दी में
श्लोगन तैयार
किए गए जिसके माध्यम
से जनगणना के वास्तविक
लक्ष्य की ओर आम
लोगों को आकर्षित
किया गया। इस महत्वपूर्ण
कार्य में जिलाधीशों
व सरपंचों की भूमिका
को समझते हुए उनका
आहवान करने हेतु
विशेष पत्र भारत
के महारजिस्ट्रार
की ओर से लिखे गए
। इस प्रकार के
पत्रों की सराहना
हुई एवं परिणाम
भी फलदायी रहा
।
राजभाषा
विभाग के निदेशों
के अनुसार महारजिस्ट्रार
के कार्यालय में
वर्ष में चार बैठकें
नियमित अंतराल
पर की जाती है इन
बैठकों में राजभाषा
विभाग द्वारा जारी
किए गए वार्षिक
कार्यक्रम के लक्ष्यों
के ऊपर विधिवत्
चर्चा की जाती
है और निर्णय लिए
जाते हैं । तदनुसार
कार्यालय में हिंदी
कार्य को बढ़ावा
देने की सतत् कोशिश
की जाती है । बैठक
में लिए गए निर्णयों
के कार्यान्वयन
की जानकारी रिपोर्टों
के माध्यम से ली
जाती है और प्रत्येक
बैठक में हर प्रभाग/अनुभाग
की रिपोर्ट की
गहनता से समीक्षा
की जाती है ।
लक्ष्य
के अनुरूप महारजिस्ट्रार
के कार्यालय के
अधीन कार्यरत जनगणना
कार्य निदेशालयों
में हिंदी के कार्यान्वयन
की स्थिति का जायजा
लेने के लिए संयुक्त
निदेशक(रा.भा.) विभिन्न
कार्यालयों का
निरीक्षण करते
हैं और निरीक्षण
में पाई गई कमियों
को दूर करने के
लिए अनुवर्ती कार्रवाई
के माध्यम से प्रयास
करते हैं ताकि
सभी कार्यालयों
में प्रत्येक
मद पर राजभाषा
विभाग द्वारा निर्धारित
लक्ष्य को प्राप्त
किया जा सके । इसी
क्रम में संयुक्त
निदेशक(रा.भा.) ने
उत्तर पद्रेश,
पंजाब, कर्नाटक,
महाराष्ट्र, आंध्र
प्रदेश, राजस्थान,
त्रिपुरा, उड़ीसा,
तमिलनाडु आदि कार्यालयों
का निरीक्षण किया
। मुख्यालय के
प्रशासन-1, प्रशासन-2,
प्रशासन-3, प्रशासन-4,
सामान्य अनुभाग,
बजट अनुभाग, सीआरएस,
सामाजिक अध्ययन
प्रभाग, रोकड़
अनुभाग, जनगणना
सैल, एमएनआईसी
अनुभागों का निरीक्षण
किया गया । निर्धारित
लक्ष्य पाने की
दिशा में मुख्यालय
सहित सभी जनगणना
कार्य निदेशालयों
में 4 हिंदी कार्यशालाओं
का आयोजन किया
जाता है जिनमें
अधिकारियों/ कर्मचारियों
को हिंदी में टिप्पण
आलेखन, मसौदा लेखन
व अन्य कार्य करने
के संबंध में जानकारी
दी जाती है और अभ्यास
भी कराया जाता
है ।
भारत सरकार
के सभी मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों
में हिंदी के प्रगामी
प्रयोग की स्थिति
का जायजा लेने
के लिए संसदीय
राजभाषा समिति
विभिन्न कार्यालयों
का निरीक्षण करती
है और आवश्यक बिन्दुओं
पर सुझाव देती
है व आश्वासन भी
लेती है । इसी क्रम
में वर्ष के दौरान
संसदीय राजभाषा
समिति की पहली
उप समिति ने जनगणना
कार्य निदेशालय,
पुड्डुचेरी, मध्यप्रदेश,
सिक्किम, केरल
का निरीक्षण किया
और पुड्डुचेरी
तथा मध्यप्रदेश
स्थित जनगणना
कार्य निदेशालयों
में हिंदी में
किए जा रहे कार्य
की सराहना की है
। संसदीय राजभाषा
समिति को उक्त
निरीक्षणों में
दिए गए आश्वासनों
को समय से पूरा
करने के संबंध
में आवश्यक कार्रवाई
की गई ।
मुख्यालय
में हिंदी के वातावरण
को बनाए रखने के
लिए सितम्बर महीने
में 01 सितम्बर
से 15 सितम्बर, 2010 तक
हिंदी पखवाड़े
का आयोजन किया
गया । 14 सितम्बर,
2010 को हिंदी दिवस
के रूप में मनाया
गया । पूरे पखवाड़े
के दौरान हिंदी
में हिन्दी निबन्ध
(हिन्दी भाषी),
हिन्दी निबन्ध
(हिन्दीतर भाषी),हिन्दी
वर्तनी, सुलेख
एवं श्रुतलेख,
हिन्दी टिप्पण/आलेखन,
पखवाड़े के दौरान
सर्वाधिक काम करने
जैसी विभिन्न
प्रतियोगिताओं
का आयोजन किया
गया जिसमें कार्यालय
के लगभग 250 अधिकारियों/कर्मचारियों
ने भाग लिया उनमें
से 40 प्रतिभागियों
को पुरस्कृत भी
किया गया । इसी
समय प्रश्न मंच
प्रतियोगिता का
आयोजन बड़ा ही
उत्साहवर्धक
एवं मनोहारी रहा
जिसमें लगभग 100 प्रतिभागियों
ने भाग लिया तथा
60 प्रश्नों के
उत्तरदाताओं
को तत्काल नकद
पुरस्कार से सम्मानित
किया गया । कार्यालय
में प्रतिवर्ष
की भांति चलाई
जा रही वार्षिक
प्रोत्साहन योजना
जैसी प्रतियोगिताओं
के प्रतिभागियों
को भी पुरस्कार
के लिए चुना गया
। उक्त सभी प्रतियोगिताओं
के विजेताओं को
सम्मानित करने
के लिए दिनांक
24.09.2010 को पुरस्कार
वितरण समारोह का
आयोजन किया गया
। इस समारोह के
मुख्य अतिथि डॉ.
सी. चन्द्रमौलि,
भारत के महारजिस्ट्रार
एवं जनगणना आयुक्त
ने अपने कर-कमलों
से सभी प्रतिभागियों
को पुरस्कार प्रदान
किया और उनकी सफलता
के लिए उन्हें
बधाई दी । महारजिस्ट्रार
महोदय ने हिंदी
पखवाड़े की इस
सफलता को रेखांकित
करते हुए कहा कि
ऐसे आयोजनों से
कार्यालय के सभी
अधिकारियों/कर्मचारियों
में हिंदी में
कार्य करने की
प्रेरणा जगती है
।
वर्ष के
दौरान अनुभाग के
कर्मचारियों व
अधिकारियों द्वारा
भारत की जनगणना
2011 से संबंधित सभी
कागजातों जैसे
मकानसूचीकरण, मकानों
को नम्बर देना,
जनगणना 2011 के पूर्व
परीक्षण से संबंधित
मकान सूची और परिवार
अनुसूची, राष्ट्रीय
जनसंख्या रजिस्टर
आदि का कार्य प्राथमिकता
के आधार पर किया
। इसके अलावा अन्य
महत्वपूर्ण अनुवादों
में परिवार अनुसूची
को भरने के लिए
अनुदेश पुस्तिका,
मंत्रिमंडल टिप्पण,
जनगणना-2011 के परिपत्र
1 से 24 तक, वार्षिक
स्वास्थ्य सर्वेक्षण
(एएचएस) दस्तावेज,
सारणी करण योजना
संबंधी परिपत्र
-1, ईडीपी संबंधी
जनगणना परिपत्र-
2, भर्ती नियम, सिविल
रजिस्ट्रीकरण
प्रणाली, वार्षिक
कार्य योजना, संक्षिप्त
मकान सूची सार,
मास्टर ट्रेनर
फैसिलीटेटर गाइड,
मास्टर ट्रेनर
गाइड आदि शामिल
हैं ।
मुख्यालय
तथा जनगणना कार्य
निदेशालयों में
तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों
में रचनात्मक
प्रतिभा को उभारने
की दृष्टि से गृह
पत्रिकाओं के प्रकाशन
का कार्य किया
जाता है। मुख्यालय
का हिंदी अनुभाग
जहां एक ओर अपने
मार्ग दर्शन एवं
सहयोग से विभिन्न
जनगणना कार्यालयों
में गृह पत्रिकाओं
के प्रकाशन में
सहभागी होता है
वहीं दूसरी और
मुख्यालय में
भी गृह पत्रिका
के प्रकाशन का
कार्य संपन्न
किया जाता है ।
पिछले दो वर्षों
से जनगणना मंथन
पत्रिका के प्रकाशन
का कार्य इस दिशा
में एक सराहनीय
कदम है । जनगणना
का प्रथम अंक जनवरी,
2010 तक प्रकाशित हुआ
था । जनगणना मंथन
का द्वितीय अंक
भी दिसम्बर, 2010 में
प्रकाशित हो गया
। इस प्रकाशन के
माध्यम से अधिकारियों/कर्मचारियों
की सृजनात्मक
अभिव्यक्ति
को बढ़ावा देने
का पूर्ण प्रयास
किया जा रहा है
ताकि सभी अधिकारियों/कर्मचारियों
में हिंदी में
लिखने और कार्य
करने की प्रवृति
बढ़े। इस प्रयास
के चलते अधिकारी/कर्मचारी
अपना काम मूलरूप
से हिंदी में करने
के लिए उद्यत हो
रहे हैं ।
इस प्रकार
उक्त प्रयासों
के माध्यम से महारजिस्ट्रार
के कार्यालय का
हिंदी अनुभाग राजभाषा
हिंदी के कार्यान्वयन
की दिशा में अग्रणी
भूमिका निभाने
की ओर अग्रसर है
। भारत के महारजिस्ट्रार
एवं जनगणना आयुक्त
स्वयं राजभाषा
नीति के कार्यान्वयन
की दिशा में समय-समय
पर विशेष रूप से
पहल करते रहते
हैं जिससे प्रेरणा
लेकर बाकी अधिकारी/कर्मचारी
भी इस ओर अभिरुचि
दिखा रहे हैं ।
विगत वर्षों की
तुलना में राजभाषा
हिंदी का कार्य
दिनों-दिन आगे
बढ़ रहा है और आशा
है कि निकट भविष्य
में महारजिस्ट्रार
का कार्यालय हिंदी
कार्यान्वयन
की दिशा में उन
सभी लक्ष्यों
को प्राप्त कर
लेगा जो राजभाषा
विभाग द्वारा निर्धारित
किए गये हैं । कार्यालय
के सतत् प्रयासों
से हिंदी को आगे
बढ़ाने की दिशा
में संविधान की
मंशा के अनुरूप
कार्य संपन्न
हो रहे हैं । आगे
आने वाले समय में
संविधान निर्माताओं
की उन भावनाओं
को पूर्ण करने
का प्रयास होगा
जिसके तहत उन्होंने
हिंदी को राजभाषा
का दर्जा दिया
है ।
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